अरविन्द केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को दिल्ली में सरकार बनाने कि हार्दिक शुभकामनायें।
२१ वीं शदी के सबसे बड़े नायक बनने जा रहे श्री अरविन्द केजरीवाल आज १२ बजे शफथ ले रहें हैं. आज सब पक्ष और बिपक्ष वाले अरविन्द को और आम आदमी पार्टी को बधाई दे रहे हैं.
हालांकि कांग्रेस दिल से उनका समर्थन नहीं कर रहे है. कल ही ज़ी न्यूज़ ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में कांग्रेस के ५ बिधायको को आम आदमी के खिलाफ साजिश करते अपने खूपिया कमेरों में पकड़ा.
राम लीला मैदान आज देश भक्ति गानो से सरोसर हो रहा है.
आंदोलन के मुश्किल भरे डगर से सियासत की रपटीली राहों पर मजबूती से कदम बढ़ाने वाले 'आम आदमी' अरविंद केजरीवाल आज दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं.
दिल्ली में सर्द दिन के बीच गुनगुनी धूप खिली हुई है. 'आम लोगों' में पूरा जोश नजर आ रहा है, क्योंकि सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि देश की राजनीति एक नया करवट लेने को बेताब है. बेहद कम वक्त में खुद को एकदम शून्य से खड़ा करने वाली आम आदमी पार्टी दिल्ली में सरकार बना रही है.
अरविंद केजरीवाल अभी मेट्रो में सफर कर रहे हैं. कौशांबी मेट्रो स्टेशन पर पहुंचकर केजरीवाल Escalator से प्लेटफॉर्म पर पहुंचे. स्टेशन पर आम दिनों की तुलना में बहुत ज्यादा भीड़ है. वहां सुरक्षा के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं.
कौशांबी मेट्रो स्टेशन के लिए निकले केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल सुबह करीब 10.40 बजे अपने घर से कौशांबी मेट्रो स्टेशन के लिए निकले. बाहर आने के बाद केजरीवाल ने कहा कि अगर सारे लोग अच्छे मकसद के लिए इकट्ठे हो गए, तो देश की सूरत बदल जाएगी. उन्होंने कहा, 'यह आजादी की दूसरी लड़ाई है.'
अन्ना हजारे ने दी शुभकामनाएं
अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह से पहले अन्ना हजारे ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं. अन्ना ने केजरीवाल को ई-मेल भेजा है. अन्ना ने लिखा है कि उनकी तबीयत खराब है, इसलिए वे समारोह में नहीं पहुंच रहे हैं.
इतिहास बनते देखने जमा हुए लोग
राजधानी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में अरविंद केजरीवाल मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो चुकी है. ऐसा लग रहा है, जैसे दिल्ली का हर रास्ता रामलीला मैदान को ही जा रहा हो. लोग अपने 'नायक' को दिल्ली की सत्ता संभालते देखने को बेताब हैं.
मेट्रो से सफर मतलब 'शान की सवारी'
बतौर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का 'राजतिलक' होगा, जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ सिर्फ अपनी जिद पर राजनीति की दिशा मोड़ दी और राजनीति के इतिहास में नाम दर्ज करा लिया. केजरीवाल और उनकी कैबिनेट के सभी 6 भावी मंत्री शपथ ग्रहण समारोह में भारी-भरकम सुरक्षा, तामझाम या लाव-लश्कर के साथ नहीं, बल्कि आम आदमी की तरह ही मेट्रो में सवार होकर पहुंचेंगे.
'आम' और 'खास' के बीच कोई फर्क नहीं
शपथ ग्रहण समारोह में अन्ना हजारे, केजरीवाल की पूर्व सहयोगी किरण बेदी, जस्टिस संतोष हेगड़े और एडमिरल रामदास के अलावा किसी के बैठने के लिए वीआईपी इंतजाम नहीं है. खास और आम के साथ केजरीवाल के परिवार के लोग भी उसी दर्शक दीर्घा में विराजमान होकर दिल्ली में ऐतिहासिक शपथ ग्रहण के गवाह बनेंगे, जिसमें दिल्ली और देश के दूसरे हिस्सों से आए आम लोग मौजूद होंगे.
रामलीला मैदान फिर बना इतिहास का गवाह
दिल्ली के रामलीला मैदान में इतिहास के न जाने कितने पन्ने गढ़े गए हैं. हिन्दुस्तान में बदलाव की सियासत का एक और पन्ना आज इसी रामलीला मैदान में फिर इतिहास की तारीखों में दर्ज हो रहा है.
महज 28 महीने पहले इसी रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए एक क्रांति ने जन्म लिया था. इसी रामलीला मैदान में दिल्ली में एक ऐसी सरकार शपथ लेने जा रही है, जिसका मकसद ही है भ्रष्टाचार का खात्मा.
२१ वीं शदी के सबसे बड़े नायक बनने जा रहे श्री अरविन्द केजरीवाल आज १२ बजे शफथ ले रहें हैं. आज सब पक्ष और बिपक्ष वाले अरविन्द को और आम आदमी पार्टी को बधाई दे रहे हैं.
हालांकि कांग्रेस दिल से उनका समर्थन नहीं कर रहे है. कल ही ज़ी न्यूज़ ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में कांग्रेस के ५ बिधायको को आम आदमी के खिलाफ साजिश करते अपने खूपिया कमेरों में पकड़ा.
राम लीला मैदान आज देश भक्ति गानो से सरोसर हो रहा है.
आंदोलन के मुश्किल भरे डगर से सियासत की रपटीली राहों पर मजबूती से कदम बढ़ाने वाले 'आम आदमी' अरविंद केजरीवाल आज दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं.
दिल्ली में सर्द दिन के बीच गुनगुनी धूप खिली हुई है. 'आम लोगों' में पूरा जोश नजर आ रहा है, क्योंकि सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि देश की राजनीति एक नया करवट लेने को बेताब है. बेहद कम वक्त में खुद को एकदम शून्य से खड़ा करने वाली आम आदमी पार्टी दिल्ली में सरकार बना रही है.
अरविंद केजरीवाल अभी मेट्रो में सफर कर रहे हैं. कौशांबी मेट्रो स्टेशन पर पहुंचकर केजरीवाल Escalator से प्लेटफॉर्म पर पहुंचे. स्टेशन पर आम दिनों की तुलना में बहुत ज्यादा भीड़ है. वहां सुरक्षा के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं.
कौशांबी मेट्रो स्टेशन के लिए निकले केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल सुबह करीब 10.40 बजे अपने घर से कौशांबी मेट्रो स्टेशन के लिए निकले. बाहर आने के बाद केजरीवाल ने कहा कि अगर सारे लोग अच्छे मकसद के लिए इकट्ठे हो गए, तो देश की सूरत बदल जाएगी. उन्होंने कहा, 'यह आजादी की दूसरी लड़ाई है.'
अन्ना हजारे ने दी शुभकामनाएं
अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह से पहले अन्ना हजारे ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं. अन्ना ने केजरीवाल को ई-मेल भेजा है. अन्ना ने लिखा है कि उनकी तबीयत खराब है, इसलिए वे समारोह में नहीं पहुंच रहे हैं.
इतिहास बनते देखने जमा हुए लोग
राजधानी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में अरविंद केजरीवाल मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो चुकी है. ऐसा लग रहा है, जैसे दिल्ली का हर रास्ता रामलीला मैदान को ही जा रहा हो. लोग अपने 'नायक' को दिल्ली की सत्ता संभालते देखने को बेताब हैं.
मेट्रो से सफर मतलब 'शान की सवारी'
बतौर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का 'राजतिलक' होगा, जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ सिर्फ अपनी जिद पर राजनीति की दिशा मोड़ दी और राजनीति के इतिहास में नाम दर्ज करा लिया. केजरीवाल और उनकी कैबिनेट के सभी 6 भावी मंत्री शपथ ग्रहण समारोह में भारी-भरकम सुरक्षा, तामझाम या लाव-लश्कर के साथ नहीं, बल्कि आम आदमी की तरह ही मेट्रो में सवार होकर पहुंचेंगे.
'आम' और 'खास' के बीच कोई फर्क नहीं
शपथ ग्रहण समारोह में अन्ना हजारे, केजरीवाल की पूर्व सहयोगी किरण बेदी, जस्टिस संतोष हेगड़े और एडमिरल रामदास के अलावा किसी के बैठने के लिए वीआईपी इंतजाम नहीं है. खास और आम के साथ केजरीवाल के परिवार के लोग भी उसी दर्शक दीर्घा में विराजमान होकर दिल्ली में ऐतिहासिक शपथ ग्रहण के गवाह बनेंगे, जिसमें दिल्ली और देश के दूसरे हिस्सों से आए आम लोग मौजूद होंगे.
रामलीला मैदान फिर बना इतिहास का गवाह
दिल्ली के रामलीला मैदान में इतिहास के न जाने कितने पन्ने गढ़े गए हैं. हिन्दुस्तान में बदलाव की सियासत का एक और पन्ना आज इसी रामलीला मैदान में फिर इतिहास की तारीखों में दर्ज हो रहा है.
महज 28 महीने पहले इसी रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए एक क्रांति ने जन्म लिया था. इसी रामलीला मैदान में दिल्ली में एक ऐसी सरकार शपथ लेने जा रही है, जिसका मकसद ही है भ्रष्टाचार का खात्मा.